नई दिल्ली. बजट आवंटन के बाद रेल मंत्रालय हादसों को कम करने के लिए खास कदम उठाने जा रहा है. अब भारतीय रेलवे का यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा कराने का सपना जल्द पूरा होगा.
देश के प्रमुख रेलवे रूट पर कचव का अपग्रेट वर्जन 4.O लगाने का काम तेजी से किया सकेगा. नए वर्जन को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) ने हाल में अप्रूवल दे दिया है. मंत्रालय कोई भी नहीं घोषणा के बजाए पूर्व की घोषणाओं को पूरा करने पर जोर देगा.
रेलवे मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त रूटों में से दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता शामिल हैं. इन दोनों रूटों को कवच से लैस किया जा रहा है. बजट के बाद मुंबई-चेन्नई व चेन्नई-कोलकाता रूट पर भी कवच लगाया जाएगा. इस तरह चारों रूटों को मिलाकर करीब 9 हजार किमी. लंबे ट्रैक को कचव से लैस कर दिया जाएगा. इसके अलावा अन्य रूटों को चिन्हित करने का काम भी इसी साल शुरू किया जाएगा.
रेल मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार बजट में इस साल कोई भी नहीं घोषणा नहीं की जाएगी. रेलवे की प्राथमिकता होगी कि पूर्व में की गयी घोषणाओं को पूरा किया जाए. जिससे ट्रेनें सुरक्षित और सुविधाजनक चलाई जा सकेंगी. पूर्व बजट में की गयी घोषणा में कवच लगाने की घोषणा की गयी थी, इस बार इसे अधिक से अधिक रूटों पर लगाया जाएगा.
4000 किमी. हर साल का लक्ष्य
भारतीय रेलवे ने हर साल करीब 4 हजार किमी. ट्रैक पर कवच लगाया जाएगा. इस तरह अगले तीन सालों में चारों रूटों को कचव से लैस कर दिया जाएगा. मौजूदा समय 1465 किमी. रेलवे ट्रैक कचव से लैस हो चुका है. बचा हुए ट्रैक पर जल्द काम पूरा किया जा सकेगा.
सभी इलाकों में हो चुका है ट्रायल
कचव 4.O तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित है. इसका ट्रायल पहाड़ी इलाकों से लेकर समुद्री तट तक और बर्फबारी वाले इलाकों से लेकर घने जंगलों तक किया जा चुका है. सभी इलाकों में इसका ट्रायल सफल रहने के बाद आरडीएसाओ ने अप्रूवल दे दी है. रेलवे मंत्रालय ने दो और रूटों पर लगाने का फैसला किया है.
