जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में ओडिशा के बालेश्वर जिले के ईशानी गांव निवासी वीर जवान प्रशांत सतपति ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
उनकी शहादत की खबर से न सिर्फ उनके गांव में बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।
आज सुबह करीब 6 बजे प्रशांत सतपति का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके गांव पहुंचा, वहां हजारों की संख्या में लोग पहले से ही मौजूद थे। ग्रामीणों, परिजनों, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की आंखें नम थीं। हर कोई अपने वीर बेटे को अंतिम विदाई देने आया था।
पूरा गांव रो पड़ा
गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ था। कोई भी व्यक्ति अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रहा था। प्रशांत को आखिरी बार देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी की आंखें नम थीं। गांव का हर इंसान इस वीर सैनिक की शहादत पर गर्व कर रहा था, लेकिन साथ ही उसकी कमी को भी गहराई से महसूस कर रहा था।
पत्नी और बेटे का बुरा हाल
प्रशांत की पत्नी प्रियदर्शनी अपने 9 साल के बेटे के साथ अपने पति के पार्थिव शरीर के पास बैठी थीं। उन्होंने अपने पति के दोनों हाथ थाम रखे थे और जैसे उनसे कुछ कह रही हों “हमें यूँ अकेला छोड़कर क्यों चले गए?” यह मंजर देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो गया। उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी खुद बालेश्वर पहुंचे और प्रशांत सतपति के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाए और परिजनों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवादियों को इसका करारा जवाब दिया जाएगा।
देशभर में गुस्सा
पूरे देश में इस आतंकी हमले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। लोग पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सभी चाहते हैं कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ न जाए और आतंकियों को उनके किए की सज़ा मिले।
