नई दिल्ली:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच में बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए 15 स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों (OGWs) और आतंकियों के मददगारों की पहचान की है, जो पाकिस्तानी आतंकवादियों को लॉजिस्टिक सहायता और हथियारों की आपूर्ति में मदद कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों ने 5 मुख्य संदिग्धों की पहचान की है, जिनमें से 3 को हिरासत में लिया है और 2 की तलाश जारी है। ये सभी हमले के दिन और उससे पहले घटनास्थल के आस-पास सक्रिय थे, और उनके मोबाइल फोन की लोकेशन भी यही दर्शाती है।
चैट में हुआ खुलासा: मदद करनी है
इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के दौरान पकड़ी गई एक बातचीत में तीनों मुख्य संदिग्धों को पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों के बारे में चर्चा करते हुए सुना गया है, जिसमें वे उनकी “मदद” करने की बात कर रहे हैं। इस बीच, हमले की साजिश की कड़ियों को जोड़ने के लिए अब तक 200 से अधिक OGWs को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जांच में NIA, जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और RAW के अधिकारी शामिल हैं।
एनआईए ने संभाली पहलगाम हमले की जांच
एनआईए (NIA) ने पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है। यह हमला जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बैसरन घाटी में मंगलवार को हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। एनआईए की टीम, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही है और आतंकवादियों के प्रवेश और निकास बिंदुओं की गहन जांच कर रही है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से सबूत जुटाए जा रहे हैं ताकि इस साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।
दक्षिण कश्मीर से हैं सभी संदिग्ध
सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए 15 संदिग्ध OGWs दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं और इससे पहले भी कई हमलों में पाकिस्तानी आतंकियों की सहायता कर चुके हैं। वे आतंकियों को जंगलों में मार्गदर्शन देने, हथियारों की आपूर्ति करने और ठिकाने उपलब्ध कराने जैसे काम कर चुके हैं।
जंगलों में छिपे हो सकते हैं आतंकी
सुरक्षा बलों ने बायसारन के चारों ओर घने जंगलों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। आशंका है कि हमलावर अब भी इन जंगलों में छिपे हो सकते हैं। स्थानीय OGWs से आतंकियों की पहचान और ठिकानों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। एक अधिकारी ने बताया, हमारे पास इन 15 OGWs की संलिप्तता के पर्याप्त साक्ष्य हैं। सही समय पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
