PM Modi Rameshwaram: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में श्रीलंका से लौटते समय राम सेतु के दर्शन किए और इसे अपने लिए एक सौभाग्यपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उस समय और भी विशेष बन गया जब अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक हो रहा था।
प्रधानमंत्री ने इसे एक दिव्य संयोग मानते हुए कहा कि प्रभु श्री राम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं और उनका आशीर्वाद सदैव हम पर बना रहे। प्रधानमंत्री ने इस अद्भुत दृष्य को अपने सोशल मीडिया पर हेंडल पर शेयर किया है।
PM Modi: पीएम ने किया पम्बन ब्रिज का उद्धाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “थोड़ी देर पहले श्रीलंका से लौटते समय मुझे राम सेतु के दर्शन का सौभाग्य मिला। और, एक दिव्य संयोग के रूप में, यह उसी समय हुआ जब अयोध्या में सूर्य तिलक हो रहा था। दोनों के दर्शन का सौभाग्य मिला। प्रभु श्री राम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं। उनका आशीर्वाद सदैव हम पर बना रहे।”
बता दें कि पीएम मोदी 4 अप्रैल को श्रीलंका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर गए थे उसके बाद तमिलनाडु के रामेश्वरम पहुंचे। प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम में पम्बन ब्रिज का उद्धाटन किया और 8300 करोड़ रुपये से अधिक की रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। ये परियोजनाएं क्षेत्र में यातायात सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
#WATCH | PM Narendra Modi tweets, "On the way back from Sri Lanka a short while ago, was blessed to have a Darshan of the Ram Setu. And, as a divine coincidence, it happened at the same time as the Surya Tilak was taking place in Ayodhya. Blessed to have the Darshan of both.… pic.twitter.com/IoMRgu1O0c
— ANI (@ANI) April 6, 2025
PM Modi Rameshwaram: राम सेतु का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व
राम सेतु, जिसे ‘एडम्स ब्रिज’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के तमिलनाडु में पंबन द्वीप (रामेश्वरम) को श्रीलंका के मन्नार द्वीप से जोड़ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका में सीता माता को रावण से मुक्त कराने के लिए अपनी वानर सेना की सहायता से इस पुल का निर्माण किया था। यह पुल लगभग 48 किलोमीटर लंबा है और इसकी संरचना तैरते हुए पत्थरों से बनी बताई जाती है, जो आज भी रामेश्वरम में देखे जा सकते हैं।
PM Modi: अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक
अयोध्या में राम नवमी के अवसर पर रामलला के सूर्य तिलक का आयोजन किया गया, जिसमें सूर्य की किरणें ठीक 12 बजे रामलला के मस्तक पर विराजमान हुईं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अद्भुत क्षण का सजीव प्रसारण देखा और इसे एक भावुक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह सूर्य तिलक हमारे जीवन में ऊर्जा लाएगा और देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा।
