Rajasthan Nagar Palika chunav 2025: राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर होने जा रहा है। प्रदेश के 90 नगर निकायों के अध्यक्षों को जल्द अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। यह निर्णय समय से पहले लिया जा सकता है, हालांकि इन अध्यक्षों का कार्यकाल 2026 में समाप्त होना था।यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने झुंझुनू में बयान देते हुए इस मुद्दे पर स्थिति साफ कर दी है।
मंत्री ने कहा, “कानून में प्रावधान है कि छह महीने पहले तक सरकार किसी भी निकाय के कार्यकाल को समाप्त कर सकती है। 2025 में ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ के तहत सभी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इस कारण, 90 नगर निकायों के बोर्ड को भंग किया जा सकता है।”
खर्रा ने कहा कि इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है और इसे लागू करने के लिए विभागीय अधिकारियों से बातचीत जारी है। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन नगर निकायों के अध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो चुका है, वहां प्रशासक नियुक्त किए गए हैं ताकि प्रशासनिक कार्यों में कोई रुकावट न आए।
सीकर, चूरू और झुंझुनू में यमुना का पानी लाने की योजना
खर्रा ने अपने बयान में यह भी बताया कि राजस्थान सरकार सीकर, चूरू और झुंझुनू के गांवों तक यमुना का पानी पहुंचाने के लिए पूरी तरह से committed है। इसके लिए ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो सर्वे करेगी और उसके बाद डीपीआर तैयार किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि यह परियोजना मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार के इस कार्यकाल में पूरी करने की योजना है।
नीमकाथाना जिले के भविष्य पर मंत्री का बयान
नीमकाथाना जिले को खत्म करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि इस तरह का निर्णय लेने से पहले आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखना जरूरी है। उन्होंने बताया कि एक जिले के विकास के लिए करीब 2 से 3 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है।
राजस्थान में इन बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक निर्णयों के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ने की संभावना है, क्योंकि यह बदलाव न केवल नगर निकायों की संरचना को प्रभावित करेगा, बल्कि राज्य की विकास योजनाओं पर भी असर डाल सकता है।
