नई दिल्ली , 04मार्च 2025: यूपी में किसानों और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बेहद खास योजना की शुरुआत करने का ऐलान किया है। अमृत धारा योजना के अंतर्गत योगी सरकार राज्य में 10 गाय पालने वाले किसानों को 10 लाख रुपये तक का लोन देगी।अमृत धारा योजना के अंतर्गत किसानों को यह लोन दिया जाएगा। यही नहीं 3 लाख रुपये तक के लोन के लिए किसी गारंटर की भी जरूरत नहीं होगी।
UP Amrit Dhara Yojana:उत्तर प्रदेश सरकार ने गाय पालन को इस योजना से दिया बढ़ावा
उत्तर प्रदेश सरकार ने गाय पालन को और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए “अमृत धारा योजना” शुरू की करने वाली है। इस योजना से सरकार राज्य की सभी गो आश्रय को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। यही नहीं, गोबर और गोमूत्र को आर्थिक रूप से उपयोगी बनाने के लिए भी ये गौआश्रय काम करेंगे। इसके लिए सरकार द्वारा अलग से कौशल विकास कार्यक्रम भी चलाने की तैयारी कर रही है।
UP Amrit Dhara Yojana:गौपालकों को लोन के साथ मिलेगी ये ट्रेनिंग
दो से दस साल तक गाय पालने के लिए 10 बैंकों के जरिए 10 लाख रुपये तक का लोन देगी। इस लोन को बेहद कम शर्तों पर गौ पालन करने वालों को दिया जाएगा। साथ ही 3 लाख रुपये तक के लोन के लिए कोई भी गारंट की जरूरत नहीं होगी। इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ टेकनिकल टेक्निकल ट्रेनिंग भी दी जाएगी। सिर्फ यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने गोवंश संरक्षण के लिए कई गोआश्रय खोले हैं। इनके भरण पोषण के लिए सरकार ने अलग से 1001 करोड़ रुपये भी निर्धारित किए गए हैं।फिलहाल ये जानकारी सरकारी की तरफ से अभी शेयर नहीं की गई है कि कौन-कौन इस योजना के लिए पात्र है और इसमें अप्लाई करने का तरीका क्या है।
UP Amrit Dhara Yojana:इस योजना से भी मिल रहा है गौपालकों को फायदा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय पालने के लिए गौपालकों को मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत 80 हजार रुपये तक के ग्रांट से मदद करती है। वित्त वर्ष 2024-25 में बुंदेलखंड के पांच जनपदों के साथ-साथ प्रदेश के 57 जनपदों में यह योजना लागू है। इस योजना के तहत, पशुपालकों को गाय के भरण पोषण के लिए सरकार द्वारा ₹1500 प्रति गोवंश हर महीने राशि दी जाती है।
यूपी सरकार के द्वारा इस तरह की कई गायों के भरण-पोषण के लिए योजनाएं अलग-अलग जिलों में चलाई जा रही है। इससे पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन से आय होगी और साथ ही जैविक खाद व कीटनाशक बेचकर अतिरिक्त मुनाफा भी होगा। इस तरह गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना एक अहम कदम है।
