शराब घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- 2 साल में 100 करोड़ से 1100 करोड़ कैसे हो गए

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Delhi Liquor Scam Case Live Updates: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच इस याचिका पर सुनवाई कर रही है। ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू कोर्ट में दलील दे रहे हैं। ईडी ने 100 करोड़ रुपये के कैश ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी देना शुरू किया है। ईडी की तरफ से वकील एएसजी राजू ने कहा कि मनीष सिसोदिया की याचिका भी इन्हीं आधारों और तथ्यों पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

 

 

नतीजे पर पहुंचने में आप दो साल कैसे लग गए- कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की बेंच जस्टिस खन्ना ने ईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप कह रहे हैं कि सरकार के मुखिया होने के नाते केजरीवाल आरोपी हैं और इस घोटाले में शामिल हैं। इस नतीजे पर पहुंचने में आप दो साल कैसे लग गए? यह एक जांच एजेंसी के लिए अच्छी बात नहीं है।

 

 

हमारे पास केजरीवाल के खिलाफ सबूत-ईडी

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमको राजनीति से कोई मतलब नहीं है। हमारे पास केजरीवाल के खिलाफ सबूत हैं। गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ग्रैंड हयात होटल में रुके थे। चनप्रीत सिंह ने होटल के लिए करीब एक लाख रुपये का भुगतान किया था। ईडी ने कहा कि जो भुगतान किया गया यह 1 लाख रुपया शराब नीति मामले में अपराध की आय का हिस्सा है।

 

 

2 साल में 1100 करोड़ हो गए- जस्टिस खन्ना

एएसजी राजू ने कहा कि यह नष्ट किए जा रहे डिजिटल सबूतों पर एक नोट है। 100 करोड़ के नकद लेनदेन को हवाला के जरिए ट्रांसफर किया गया और दूसरे राज्यों में खर्च किया गया। इस संबंध में जस्टिस खन्ना ने कहा कि अभियोजन की यह शिकायत ईडी की है, सीबीआई की नहीं। एएसजी राजू ने आगे कहा कि एक अभियोजन शिकायत, जो मनीष सिसोदिया की जमानत खारिज होने के बाद 1100 करोड़ कुर्क किए गए। जस्टिस खन्ना ने कहा कि 2 साल में 1100 करोड़ हो गया? आपने कहा कि अपराध की आय 100 करोड़ थी। यह 100 कैसे हो सकती है?

 

 

राजू ने कहा कि यह पॉलिसी के फायदे पर आधारित है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि यानी पूरा लाभ अपराध की आय नहीं है। राजू ने कहा कि इस स्तर पर यह करना आईओ का काम है कि कौन सा कथन सही है और कौन सा नहीं। जब हमने जांच शुरू की तो हमारी जांच उनके खिलाफ नहीं थी। जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई इसलिए शुरुआत में उनके बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा गया क्योंकि जांच उन पर केंद्रित नहीं थी। तथ्यात्मक रूप से बयानों में कोई विरोधाभास नहीं है। उन्हें याचिकाकर्ता के पक्ष में नहीं माना जा सकता है।

 

 

जस्टिस खन्ना ने ईडी से किए सवाल

जस्टिस खन्ना ने पूछा इस मामले में सरकार की ओर से पहले व्यक्ति की गिरफ्तारी की तारीख क्या है? इसके जवाब में एएसजी ने कहा कि 9 मार्च 2020 को शरत रेड्डी के बयान के जरिए राजू अदालत को जांच के बारे में बताया। राजू ने कहा कि इसका संबंध अरविंद केजरीवाल ने नहीं था। वे कहते हैं कि इसे दबा दिया गया। जस्टिस खन्ना ने कहा कि उनका तर्क है कि आप उस सवाल पर क्यों नहीं गए? ये सभी सतही सवाल हैं।

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